प्यार दोबारा
प्यार दोबारा
जख्म सिलते नहीं के
और प्यार हो गया
वो सोचते रेह गये
ये क्या यार हो गया
जख्म ताजा था के
दिल ने और एक वादा कर लिया
आधा टूटा जो दिल था
फिर टूटके आधा कर लिया
दिल खून से लथपथ हो गया
फिर भी बाज ना आया
वो तडपते रेह गये
पर हमराज ना आया
चिखते रहे चिल्लाते रहे
मरहम ना लाया कोई
इंतजार में वो रह गये आखिर
वो आंखें हर रात रोई।
