रोज की बात हैं
रोज की बात हैं
ये हँसना,हँसाना रोज की बात हैं
आँसू छुपाकर मुस्कूराना रोज की बात हैं
खुबीयों में खामींयाँ सभीने निकाली
मेरा मुझको सिखाना रोज की बात हैं
आसमाँ के आगे के सपने हैं मेरे
बीतें पल में जीना रोज की बात हैं
अनगीनत रिश्तें मेरे टुटें अधूरें से
नाता खुदसे निभाना रोज की बात हैं
खैरीयत बतायी मैंने,ठीक हूं केहकर
ये झुठा बहाना रोज की बात हैं
खुशियों की बौछार वो तसव्वूर अलग हैं
आँसूओ में नहाना रोज की बात हैं।
