अच्युतं केशवं

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अच्युतं केशवं

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सहज तुमने अपनाया।

सहज तुमने अपनाया।

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रत्न गिरि शिखर विराजे,

मंजुनाथेश्वर स्वामी।

करुणानिधान बाबा,

दयामय अवढरदानी।

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गंग नेत्रावति रूपा,

शीश पर सुंदर सोहे।

उमा श्री अम्मान वारू,

भक्त गण का मन मोहे।

नित्य सेवा में रत हैं,

गणपति कुमार स्वामी।

करुणा निधान बाबा।

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आर्त मन भरी निराशा,

जगत भर ने ठुकराया,

प्रभू सह्याद्रि निकेतन,

सहज तुमने अपनाया।

अहैतुक कृपा तुम्हारी,

जयति जय अंतर्यामी।

करुणा निधान बाबा।

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रंक को राजा करते,

अन्न धन यश के दाता।

सदाशिव भोले शंकर,

दुःख भंजन विख्याता।

भक्त जीवन की नौका,

खिवैया शंभु नमामी।

करुणा निधान बाबा।


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