भूख
भूख
भूख लगी है जोरों से आज यू हीं,
कोई धोखा हो तो खिला दे मुझे यार,
वैसे मुमकिन तो नहीं कि तेरे घर से भूख जाऊं मैं,
सुना है तू किसी को लौटता नहीं कभी बेजार,
फिर भी तुम कह रहे हो तो मान लेता हूं मैं,
कि तेरे यहां भी सब भूखे हैं आज,
जाते हुए तूने मिठाई दी है सच की ज़ुबान नाम कह कर,
थोड़ी मीठी ज़्यादा है, शायद सच कम मिलाया है।