तलाश
तलाश
क्या खो दूं आज जो मिल जाए बस यूं ही,
क्या कहा दूं आज जो बयान हो जाए यू हीं,
बरसती बूंदों में भी सांसें होती है,
आज भीगकर पता चला मुझे,
भूली यादों को ओढ़े वो परत,
बहती बूंदों से धुल से गई,
फिर जो सामने आया, वो मेरा एक ख्वाब था,
जो ना जाने कब से सच होने को बेताब था,
मजबूरी थी लम्हों कि, जो उससे मंज़िल तक ले जा ना सके,
बस जगह थी इस दिल में, जिसमें वो अपना घर बना सके,
आंसूओं ने अपना रास्ता, बूंदों को हटाकर बना लिया,
दिल का वो टूटा ख्वाब, ना जाने किस रास्ते बहा दिया,
सुकून मिला, बेचैनी के साथ,
हंसा तो, मगर दर्द के साथ,
बारिश बह गई, ख्वाब बह गया,
दिल ने समझ लिया, मौसम का अंदाज़ बदल गया।