नजर
नजर
लग जाये दुआ, ना लगे नज़र ।
करता हूं कामना प्रत्येक प्रहर ॥
चिलमन से देख लूँ शहर-शहर ।
उन नव किरणों की सरस लहर ॥
बन जाऊं मैं एक युगल पथिकI
ना राह में आए कोई भंवर॥
राह सुगम जीवन को सफलI
मंज़िल है, जहां खुशियों का शहर॥
