आजादी की बातें
आजादी की बातें
वो आजादी की बातें करते,
इंकलाब के देते नारे।
संग्राम छिड़ा था आजादी का,
टूट पड़े सेनानी सारे।।
भारत माँ की अवतारी,
वो माताएं मतवाली थीं।
युग-रक्षक वो भू-रक्षक,
रणभूमि लड़ाका नारी थीं।।
झांसी वाली की गाथा,
रणभूमि सदा ही गाएगी।
आने वाली सदियों तक,
ये अचला गाथा गाएगी।।
इंकलाब के नारे लगते,
ज्योत जले संग्राम की।
सहम गया अंग्रेजी शासन,
देख फिजा फौलाद की।।
लाज वतन की रक्खेंगे,
यह किया सभी ने वादा था।
भारत छोड़ो भारत छोड़ो,
सत्याग्रह का नारा था।।
अभय ध्वजा को लहरा करके,
फिर यूनिटेक उतारा था।
लाल किले की शान बढ़ा कर,
अपना फर्ज निभाया था।।
वीर धन्य है धन्य धरा है,
माटी है बलिदान की।
इस माटी ने वीर जने हैं,
यह बात बड़े अभिमान की।।
सदी बीसवीं जवां हुई थी,
स्वतंत्रता संग्राम में।
आजाद हुई भारत भूमि,
इन वीरों के बलिदान में।।
