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PRATAP CHAUHAN

Inspirational

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PRATAP CHAUHAN

Inspirational

ओमकारा

ओमकारा

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जगत प्रभु ओमकारा, हां जगत प्रभु ओमकारा

तुम ही तो जन्म-मरण हो, तुम ही तो अटल सत्य होI 

वह निर्भय है हर प्राणी,जिसने ली शरण तुम्हारी।

लेकर वरदान तुम्हारा, जिसने तुम को ललकारा।

उसको माटी में मिलाया, जग बोल उठा ओमकारा।

तारामंडल भूमंडल सारा, सारा ब्रह्मांड तुम्हारा।

कण-कण है ये ओमकारा, ये प्राणवायु ओमकारा।

वो काली घटा सी जटाएं, डमरु डमरु हलकारा।

मेरी भक्ति है ओमकारा, शिव की शक्ति ओमकारा।



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