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PRATAP CHAUHAN

Romance

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PRATAP CHAUHAN

Romance

ताल मृदंग बजाओ

ताल मृदंग बजाओ

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अब ताल मृदंग बजाओ, 

हो जाए समां सुहाना।

दो पल के लिए झूम लो,

कर दो दिल को दीवाना।।


संगीत के स्वर जब बोले,

मन उछल-उछल के डोले।

जब गीत हों बड़े सुरीले,

बिन पानी मीन भी जी ले ।।


आ जाओ रंग मिला दो,

सब शिकवे गिले भुला दो।

रंगो को दिल में सजा के, 

फिक्र धुएं में उड़ा दो ।।


मतवाले सुर हैं सुरीले,

जो चैन चुरा ले किसी के ।

बरसा दें मेघ घटाएं, 

होश उड़ा दें किसी के ।। 


गीत का साथी संगीत होता है ,

मधुहोश करता है, कुछ तो होता है।

वो गीत ही तो जो प्रीति करता है।

मन शान्त होता है दिल खुश होता है।



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