शालिनी छंद...
शालिनी छंद...
दात्री धात्री, मात अम्बा भवानी ।
आर्या भार्या, हे जया मॉं शिवानी ।।
स्नेही वामा, हे सुता की जनानी ।
प्यारी माता, प्यार की है मुहानी ।।
आंसू सारे, नीर सी क्यों बहानी ।
ज्ञानी मानी, प्रेम को आजमानी ।।
गाओ उन्हें, प्रीत ही है सुहानी ।
होती पूरी, आज की ये कहानी ।।
