पृथ्वी का श्रृंगार प्रकृति
पृथ्वी का श्रृंगार प्रकृति
केसरिया अम्बर, नीली ओढ़ी, पहनती है ये धरा
सुन्दर उपवन, विंध्याचल, खिलते कुसुम यहाँ पर
हरियाली चहूं ओर जल से सिंचित फसलें रोपण
पेड़ पौधों से सुशोभित, सागर की लहरों का गुंजन
पर्यावरण पर आज पृथ्वी का करती श्रृंगार प्रकृति
पक्षियों की चहचहाहट, जीव जंतुओं की संस्कृति
आओ मिलकर करें संकल्प लगायें रोज एक पौधा
ऑक्सीजन है जरूरी, समझाता यह जमाना भी रोता
