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Chandni Purohit

Abstract Inspirational

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Chandni Purohit

Abstract Inspirational

अनादिअनन्ता

अनादिअनन्ता

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आदि हूँ मैं अनंत हूँ मैं प्रलयंकारी शिव हूँ मैं,

भूतनाथ मैं हूँ नटराजन कण कण सृष्टि में हूँ मैं 


हूँ कैलाशी अमरनाथ मैं महाकाल विकराल हूँ मैं,

राम भी मैं नारायण मैं गौरीपति हूँ स्वयंभू मैं 


अविनाशी हूँ श्मशान विराजत मोक्ष मैं मृत्यु मैं,

पिता मैं परमेश्वर मैं आदियोगी अर्द्धनारीश्वर मैं 


अघोरी का मैं दानव का मैं मानव का शक्ति का मैं,

पूर्ण मैं शून्य मैं परम पुरुष नीलकंठ शेषधारी मैं 


जटाजूट पावन गंगा समाये मस्तक चंद्र धारी मैं,

निर्मल मैं शांत मैं रुद्र मैं भैरव भी मैं त्रिलोकी मैं।


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