बेवजह रूठ जाता है
बेवजह रूठ जाता है
कुछ नहीं होता जब दिल टूट जाता है
होता है तब जब कोई अपना बेवजह रूठ जाता है
आप क्या जाने आप को इसकी क्या खबर
की एक शख्स के रूठ जाने से जिंदगी रूठ जाता है
अब तो मैं अक्सर यही सोचता रहता हूँ
की कैसे वक़्त के साथ आँख का आँसू सूख जाता है
आप उसे अपनी आँखों में बसाएँ या दिल में जगह दें
जिसे छूटना होता है वो आखिरकार छूट जाता है
ये इंसानी रिश्ते ख़्वाब और किसी अजनबी का प्यार
शीशे की तरह होते हैं जरा सा दाब पड़ने पर टूट जाता है