उसे ही याद करते हैं
उसे ही याद करते हैं
जिसे भूल जाना था उसे ही याद करते हैं
कुछ इस तरह हम खुद क़ो बर्बाद करते हैं
नहीं होता मुझसे यूँ दिखावे वाला प्यार
हम जिससे करते हैं मोहब्बत बेहिसाब करते हैं
वो शख्स जिसने मुझे तोड़ दिया बर्बाद किया
हम उस शख्स से बे-इंतहाँ प्यार करते हैं
मुझ में रहते हैं मुझ जैसे दो-चार लोग और
जो मुझसे रात भर तन्हाई में बात करते हैं
फर्क बस इतना है मेरी उसकी कहानी में
मुझे लोग अवारा कहते हैं उसे सलाम करते हैं
होता हैं भरोसा जिनको अपने बाजुओं पर
वो सहारों से नहीं तैर कर दरिया पार करते हैं.