भुलाया भी नहीं जा सकता
भुलाया भी नहीं जा सकता
दिल चाहता है कितना उसे बताया भी नहीं जा सकता
जो पत्थर दिल है उसे समझाया भी नहीं जा सकता
कोई वजह हो तो रूठ जाना अच्छा भी लगता है
बेवजह रूठ जाने वालों को मनाया भी नहीं जा सकता
इक बार नज़र से गिरने वालों को उठाया जा सकता है
जो दिल से गिर जाए उसे उठाया भी नहीं जा सकता
ये क्या की हमहीं इश्क़ करें हमहीं जताएं हमहीं मनाएँ
अब खुद को इश्क़ में इतना सताया भी नहीं जा सकता
ये अलग बात है की तुम मेरे प्यार की कद्र करो न करो
पर ये सच हैं की तुम्हें अब भुलाया भी नहीं जा सकता ।