आपस में मिलजुल कर, पृथ्वी को बनाएंगे "स्वर्ग"। आपस में मिलजुल कर, पृथ्वी को बनाएंगे "स्वर्ग"।
दिल चाहता है कितना उसे बताया भी नहीं जा सकता। दिल चाहता है कितना उसे बताया भी नहीं जा सकता।