गुजारिश है सभी से मेरी, अपने जीने का मकसद यही बनाना । गुजारिश है सभी से मेरी, अपने जीने का मकसद यही बनाना ।
दैत्य ने कहा दैत्य ने कहा
कितने आँसू पोछे कंधे के रुमाल ने, आँखों को भिगोया कितनो की चाल ने, कितने आँसू पोछे कंधे के रुमाल ने, आँखों को भिगोया कितनो की चाल ने,
आंखों को देखकर जान लो, चेहरे के भाव पहचान लो। आंखों को देखकर जान लो, चेहरे के भाव पहचान लो।
बड़ा ही कमसिन था महल चाहत का , एक ज़ालिम ने बड़ी बेदर्दी से लूटा है। बड़ा ही कमसिन था महल चाहत का , एक ज़ालिम ने बड़ी बेदर्दी से लूटा है।
आज फिर मेरे कमरे के सन्नाटे ने एक अंगडाई सी तोड़ी है, आज फिर मेरे कमरे के सन्नाटे ने एक अंगडाई सी तोड़ी है,