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SHREYA SINGH

Romance

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SHREYA SINGH

Romance

आज फिर

आज फिर

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आज फिर मेरे कमरे के सन्नाटे ने

एक अंगडाई सी तोड़ी है,

आज फिर पुरानी यादों की ख़ुशबू सी फैली है,

आज फिर नैनों ने उन लम्हों को दिल में समेटा है,

आज फिर उनकी याद सी आई है,

आज फिर आंखें भर आई है,

आज फिर उनकी कही बातों को सांसो ने गुनगुनाई है,

आज फिर उनकी आंखों ने उन्हें तलाशा है,

की आज फिर उनकी याद सी आई है,

हां आज फिर , आज फिर।



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