कोरोना अब तू होगा बौना
कोरोना अब तू होगा बौना
हम सब हैं इंसान,
दुनिया का सर्वोत्तम समुदाय,
सबसे तेज दिमाग,
सबसे अधिक शिष्टाचार,
सबसे अधिक वलवान,
और शायद सबसे जिज्ञासु।
हम सबमें एक खासियत,
हम आपसे में खूब भिड़ते,
छोटी-छोटी बातों पे मर मिटते,
यहां तक की खून वहा डालते,
और फिर इकट्ठे बैठ जाते,
और समझौता कर डालते।
लेकिन जब हम सब पे आ जाती विपत्ति,
हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जाता,
तो हम सब एक जुट हो जाते,
फिर शत्रु से भिड़ जाते,
तब तक चैन से नहीं बैठते,
जब तक दुश्मन के छक्के नहीं छुड़ा डालते।
पृथ्वी वासियों
आज कठिनाई का समय फिर आया,
शत्रु ने फिर पैर जमाया,
हमारे घरों के अंदर पहुंच कर,
हमारी गैरत पे हाथ डाला,
परंतु हमने बहुत सब्र दिखाया,
लेकिन नामुराद कोरोना को न भाया,
हमारे वैज्ञानिकों ने भी बीड़ा उठाया,
जल्दी ही तोड़ेंगे कोरोना तेरी कमर,
करें देंगे तुझे पृथ्वी से छू मंतर।
हम सब मिलकर बैठेंगे फिर,
आपस में मिलजुल कर,
पृथ्वी को बनाएंगे "स्वर्ग"।