STORYMIRROR

राजेश "बनारसी बाबू"

Abstract

3  

राजेश "बनारसी बाबू"

Abstract

मुखौटा

मुखौटा

1 min
654

  

मुखौटा एक इंसान के चेहरे को

ढांकने की वस्तु है।

मुखौटा एक इंसान की प्रतिबिंब

को छुपाता है।

मुखौटा एक जानवर के नकल को भी दिखाता है।

मुखौटा को रीति रिवाज के लिए

इस्तेमाल किया जाता है।

मुखौटा एक मनोरंजन का हिस्सा

भी है।

मुखौटा एक समाज के परिहास

का हिस्सा भी है।

मुखौटा एक इंसान के वास्तविक

रूप को भी छुपाता है।

मुखौटा को नकली चेहरा कभी

संज्ञा दिया जाता है।

मुखौटा को मास्क भी कहा जाता

है।

मुखौटा किसी नाटक की सच्चाई

भी बयां करते हैं।

मुखौटा से आज इंसान अपनी

असली शख्सियत छुपाते हैं

तभी तो आज रेप जैसे वारदात

शहर में बढ़ते जाते हैं।

मुखौटा को मुखावर्णम भी कहते

हैं।

मुखौटा से हम चुनाव प्रचार प्रसार

भी करते हैं।

मुखौटा रंगमंच का आधार भी

होता है।

वास्तविक जिंदगी में हम मुखोटे

पर मुखौटा लगाए बैठे हैं।

असल जिंदगी को हम मुखोटे के

भीतर छुपाए बैठे हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract