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Lady Gibran

Abstract

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Lady Gibran

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शांति

शांति

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शांति का तो क्या है ना

कभी शोर में कभी मौन में 

कहीं गाँव में या शहर में 

किसी मेले में या अकेले में


कभी भी

कहीं पर भी 

मिल सकती है

मगर 

मिलती नहीं है।


शांति मिलती है

नवजात शिशु के रुदन में

तालियों के शोर में

दोस्तों के ठहाकों में

परिवार के कोलाहल में


मंदिरों के घंटनाद में

मस्जिद की आझानों में 

शांति एक अवस्था है 

जो सिर्फ़ अपने भीतर ही मौजूद है।


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