STORYMIRROR

Lady Gibran

Abstract

3  

Lady Gibran

Abstract

खुदा

खुदा

1 min
294

मैं से तुम, तुम से हम तक की दूरियाँ मिटाकर तो देखो

कायनात के हर ज़र्रे में फिर ‘हम’ को पाकर तो देखो।


इन्सान हो तो फिर थोड़ी इन्सानियत जताकर तो देखो

यही मिल जाएगी जन्नत, खुद को खुदा बनाकर तो देखो !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract