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Lady Gibran

Drama

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Lady Gibran

Drama

ख़्वाब

ख़्वाब

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अपनी हक़ीक़तों से हो घिरे, वह ख़्वाब क्या देखे

नींद ही नहीं नसीब जिन्हें, वह ख़्वाब क्या देखे


ख़्वाब वह देखते हैं जिनकी कोई औक़ात होती है

जो मुफ़लिसी के हो मारे, वह ख़्वाब क्या देखे


पंखों में बेशुमार उनके उड़ने की ताक़त होती है

पंछी बंद पिंजरे में अपने,वह ख़्वाब क्या देखे


आग़ाज़ से डरना इन्सान की फ़ितरत होती है 

अंजाम की परवाह जिन्हें, वह ख़्वाब क्या देखे ?


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