Lady Gibran
Others
जिंदगी की मौसम में अब
नहीं आती कभी बहार
निखार था जीवन में जिससे,
बिछड़ गया वो मेरा यार।
नई कोंपल खिलती है
पतझड़ के बाद सुना था हमने
आ जा लौटकर कि,
फिर से इस वीराने में
खिल उठे बसंत बहार!
ख़त
उम्मीद की किर...
होलियाँ हमका ...
मेरा यार बसंत
तारे ज़मीन पे
शांति
दिल की धड़कन
ख़्वाब
खुदा