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Poojaa S

Abstract Inspirational

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Poojaa S

Abstract Inspirational

मेरा हिस्सा

मेरा हिस्सा

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वो दिल कि बात समझ जाती थी,

जैसे मेरे ही दिल का हिस्सा हो


दास्तांन मेरी यूँ सुनाती,

जैसे वो उसका ही किस्सा हो,


दर्द मेरे जो होते थे,

वो बहते थे उसकी आँखों से


जी उठती थी उम्मीद,मरी भी

उसकी प्यारी बातों से


थामा था उसने हाथ यूँ मेरा,

जैसे मेरे ही जिस्म का हिस्सा हो


साथ मेरा देने को जैसे,

खुदा ने उसको भेजा था।


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