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Kamal Purohit

Abstract

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Kamal Purohit

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गुलज़ार देहलवी

गुलज़ार देहलवी

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ज़िंदगी में कई जिंदगी गुजरी है।

तेरे बिन तो नहीं यह कभी गुजरी है।

नाम गुलजार है, गुल से भरपूर हो,

खुशबू में आपकी ज़िंदगी गुजरी है।

मौत का काम है जिंदगी लूटना,

मौत आने से पहले यूँ ही गुजरी है।

कितने शाइर यहाँ आये और चल दिये,

उनके बिन पर नही मौशिकी गुजरी है।

आज फिर इक सितारा चला धरती से,

आसमानों में इक रोशनी गुजरी है।


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