वतन
वतन
सांस जब तक चलेगी लड़ेंगे वतन।
जान तेरे लिए अपनी देंगे वतन।
हर खुशी में तेरी हम थे शामिल सदा।
है कसम तेरे ग़म को भरेंगे वतन।
ये मुहब्बत तो आशिक़ की पहचान है।
हम मुहब्बत तुझी से करेंगे वतन।
ये तिरंगा हमारा यूँ उड़ता रहे।
दाग इस पर नहीं लगने देंगे वतन।
नाज़ तुझको हमारी शहादत पे हो।
तेरी अस्मत की खातिर मरेंगे वतन।
