दोस्तो
दोस्तो
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हो मेरे दिल की अमानत दोस्तों।
हर घड़ी रहना सलामत दोस्तों।
रह सके सब दोस्त मिलकर प्यार से,
दिल में ऐसी है इमारत दोस्तों।
दोस्तोंं के वास्ते स्वीकार है,
दुश्मनों की भी इताअत दोस्तों।
रूठने का दोस्ती में हक़ तो है।
रूठने की हो वज़ाहत दोस्तों।
हो भले नाराज़ चाहे लाख वो।
फिर भी उनसे है मुहब्बत दोस्तों।
साथ जब जब भी तुम्हारे हो "कमल"।
ये जहाँ लगता है जन्नत दोस्तों