दिल की बात
दिल की बात
1 min
269
दिल की बात जो अब तक जुबां पर ना आई
ना जाने कितनी होगी तेरे इस दर्द की गहराई
जो ना छलके आँसू इन आँखों से तो क्या हुआ
कहीं तो किसी ने तेरे लिए भी मांगी होगी दुआ
तेरा गम भी उम्रभर तेरे दिल को बहलाता रहा
और चेहरे की ख़ुशी ज़माने में बस कहलाता रहा
दिल की बात को तुम भी तो झुठलाते रहे हो
अपनी सच्चाइयों से हरदम ही भागते रहे हो
बीत गया है वक्त इस दर्द के सहारे तुम्हारा
जाने कब तक मिलेगा इस नदी को किनारा।