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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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दिल की बात

दिल की बात

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दिल की बात जो अब तक जुबां पर ना आई

ना जाने कितनी होगी तेरे इस दर्द की गहराई


जो ना छलके आँसू इन आँखों से तो क्या हुआ

कहीं तो किसी ने तेरे लिए भी मांगी होगी दुआ


तेरा गम भी उम्रभर तेरे दिल को बहलाता रहा

और चेहरे की ख़ुशी ज़माने में बस कहलाता रहा


दिल की बात को तुम भी तो झुठलाते रहे हो

अपनी सच्चाइयों से हरदम ही भागते रहे हो


बीत गया है वक्त इस दर्द के सहारे तुम्हारा

जाने कब तक मिलेगा इस नदी को किनारा।


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