STORYMIRROR

Rahulkumar Chaudhary

Abstract

4  

Rahulkumar Chaudhary

Abstract

प्यार का नशा

प्यार का नशा

1 min
173

नशा जरूरी है 

ज़िन्दगी के लिए, 

पर सिर्फ शराब ही नहीं है 

बेखुदी के लिए, 

किसी की मस्त निगाहों में 

डूब जाओ, 

बड़ा हसीं समंदर है 

ख़ुदकुशी के लिए

हमें उम्र का तकाज़ा

अपनी कलमों की सफेदी में

दिखता है

तुमने आँखों का 

काजल लगाकर

उसे फिर से जवान कर दिया!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract