गतिशील रहिए
गतिशील रहिए


ढेर सारी किताबें नहीं थकाती हैं
थकाता है कुर्सी पर बैठ घण्टों उनमें खोए रहना
किसी जगह पर रुके रहना, बैठे रहना
हमेशा से मुश्किल रहा है
शायद इसलिए ये धरती, ये ग्रह, ये
सूर्य और ये ब्रह्मांड गतिशील है
क्योंकि रुकना कठिन होता है, पीड़ादायी होता है
और इसीलिए कोई नहीं रुकता...जीवन में!