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Rahulkumar Chaudhary

Fantasy Others

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Rahulkumar Chaudhary

Fantasy Others

लफ्जों का प्यार

लफ्जों का प्यार

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उम्र नहीं देखती कभी मोहब्बत के जज्बात 

तभी तो एक अजनबी रहने लगे दिल के पास 


थोड़ा वह पास आये थोड़ा हम सकुचाये 

संजीदा रहकर मन में मुस्कराये, थोड़ा घबराये 


थोड़ा वह शरमाये, थोड़ा हम शरमाये 

किसी को नहीं मन की बात बताये


एक अजब सी पीड़ा मन को तड़पाये

कहाँ लगाये हम अरदास 

मोहब्बत कहाँ देखती

कोई हो राजा, या कोई हो दास 


इस तरहा से मचले ए सागर मन के जज़्बात 

आँखों में ख्वाब उसी के और लब पर रहे बात


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