STORYMIRROR

Rahulkumar Chaudhary

Romance Tragedy

3  

Rahulkumar Chaudhary

Romance Tragedy

प्यार की कयामत

प्यार की कयामत

1 min
251



पलकों की कोरों में कुछ छुपा सा है

जाने क्यूं दिल आज भरा सा है 


रातें पूछती है मेरे जागने का सबब 

राहगीर आज कोई राह भूला सा है 


पंछी कब का उड़ गया है डाल से 

फिर कौन दिल की मुंडेर पर टिका सा है 


जलते रहते है यादों के चिराग रात दिन 

फिर जाने क्यूं दिल में अंधेरा सा है 


बेचैन सा वो ताके कयामत का रास्ता 

जिन्दगी से चांद पूनम का डरा सा है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance