Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rahulkumar Chaudhary

Tragedy Classics Inspirational

4  

Rahulkumar Chaudhary

Tragedy Classics Inspirational

एतराज

एतराज

1 min
223


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे

तेरा बिना दस्तक दिए मेरी ज़िंदगी में आना

और फिर बिना कुछ कहे यूँ ही चुप चाप चले जाना


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे

तेरा मेरी कही हर बात बेबात पर मुस्कुराना

और तनहाई में अक्सर दिन रात यूँ ही आँसू बहाना


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे

मेरी हर खता को हँस कर माफ़ करते जाना

और खुद को हर मोड़ पर सज़ा का हकदार बताना


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे

मुझे हमेशा ही मुकम्मल करने में लग जाना

और खुदको हरपल तन्हा मजबूर और अधूरा पाना


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे

अपने मुकद्दर का हमेशा औरों को दे आना

और खुद के हाथों की लकीरों से उलझना उलझाना


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे

मेरी राह के हर मोड़ पे आ के खड़े हो जाना

और अपनी मंजिल तक पहुँचकर भी न पहुँच पाना


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे 

हमेशा मेरे साथ मेरी परछाई बन कर चलना

और अपनी परछाई के रूख को बदलते चले जाना 


तेरी दोनों ही बातों से एतराज़ है मुझे 

मेरे न होकर भी मुझ पे अपना हक जताना

और हर किसी से खुद को इक अजनबी सा बताना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy