उड़ान बाकी है।
उड़ान बाकी है।


बेशक वाकिफ हूं छोटे पंखों की नाजुकता से
पर मन में उमंगों की अभी उड़ान बाकी है।।
छू ही लूंगा आसमान को एक दिन तो कभी
पर दिलों को छूने का अभी अरमान बाकी है।।
हां मैं वाकिफ हूं अच्छी तरह सभी हकीकतों से
पर इक सपने में बसी अभी जान बाकी है।।
माना बड़ी कठिन है राह तेरे साथ मेरे सफर की
पर मंजिल पर मेरी पहुंच के अभी निशान बाकी है।।
जीऊंगा मै भी खुल के अपनी जिंदगी कभी तो
पर उतारने कुछ लोगों के अभी एहसान बाकी हैं।।
हारा हूं आज कुछ वक़्त की मार से से तो क्या
पर मेरेे हौसलों की जीत के अभी फरमान बाकी हैं।।
बुरा वक़्त तो गुजर ही जाएगा इक दिन
पर तेरे साथ का मन में अभी अरमान बाकी है।।
तू साथ रहना मेरे मेरी हमसफ़र बनकर हमेशा
के तेरे साथ में ही बसी मेरी अभी जान बाकी है।।
बेशक वाकिफ हूं छोटे पंखों की नाजुकता से
पर मन में उमंगों की अभी उड़ान बाकी है।।