रंगों की होली
रंगों की होली
पकवानों की सुगंध, हर दिल भरे निज उमंग,
होलिका दहन में पूजा आराधना का विश्वास,
बच्चों के लिए माँ शीतला का शुभ आशीर्वाद,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।।
गुब्बारों संग बालकों के उमड़ते शैतानी ख्याल,
चुपके- चुपके पानी भरे रंगों का इस्तेमाल,
चलों मनाएँ धूमधाम धड़ाके का त्योहार,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।।
छोटी होली में होलिका दहन का रिवाज़,
ग्रीष्म ऋतु का होता हुआ आगामी आगाज़,
गेहूँ की नव कोपलों का अग्नि आहूति संस्कार,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।।
धरा गगन बिखरे सतरंगी इन्द्रधनुषी रंग,
ढोल नगाड़ों संग हृदय सराबोर नव उमंग,
पकौड़ों मिठाई से होली मिलन का होता साज,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।
फागुनी बयार में, रंगों की बहार बौछार में,
आओ पिया हम खेलें प्रेम के रंगों की होली,
राधा बन अंग - अंग कान्हा की बांसुरी धुन में,
मथुरा के धूम में मगन हों खेलेंगे हमजोली।।
गुलाबी ठंडक में नीर संग जोरा जोरी,
पिचकारी में भर गुलाल ऐसे तोहे रंग डारू,
प्रेम के जटिल रंग बिरंगी में अंग अंग सँवारू,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।
राधा बन दीवानी बरसाने की खेलें होली,
तू मौरा प्रेम कन्हैया मैं तौरी रंग रंगीली,
सुखद सुगंध के एहसासों की उमंग भर,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।
लाल गुलाबी मुखड़े की बदलन छटा में,
रूप रंगों के अद्भुत अनुपम श्रृंगार में,
गुझियों संग मिठास मिलन के प्यार में,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।।
श्वेत चाँदन छिटकता गुलाल हो गुलज़ार,
दिलों में बढ़ता हुआ उमड़ता हुआ प्यार,
घर घर सजते बजते गीत संगीत का साथ,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।।
मिटाकर बैर फागुनी बयार का नेह अख्तियार,
रंग रंगीली वसुन्धरा को हो अनुपम श्रृंगार,
प्रहलाद संस्कृति भक्ति शक्ति से समृद्ध संसार,
आओ मन मीत मिलकर होली खेलें आज।।