जिंदगी और जानम
जिंदगी और जानम
तू ही है नाज़, तू ही है ताज, है जमीं तू ही यकीं आकाश तुझे क्या नाम दूं जानम।।
तू ही है जान, तू ही पहचान, है तू दीन तू ही ईमान ,तू ही अल्ला है
तू ईश्वर तू ही कायनात है जानम तुझे क्या नाम दूं जानम।।
चाहतों की है तू चाहत, तू है मोहब्बत कि मल्लीका, मैं दीवाना तेरा,
तू मेरे मन के आँगन की कली मैं भौंरा हूँ परवाना।।
तू चाँद चांदनी है सावन की घटाए तू,
तू ही मधुमास की मस्ती है यौवन की बाला ।।
तू ही बचपन, है जंवा जज्बा, तू ही जुनून, तू है ग़ुरूर ,तू ही हाला ,
प्याला मधुशाला जानम तुझे क्या नाम दूं जानम।।
तू ही ख्यालों की ख्वाहिश है, है तू ही ख्वाबों की शहजादी।।
तू ही आगाज़ ,है तू अंदाज़ ,तू ही अंजाम जानम तुझे क्या नाम दूं जानम।।
तू ही जाँ, तू ही जहाँ, तू ही जज्बा जज्बात है जानम।।
तू ही सांसे ,तू ही धड़कन, तू ही आशा, तू ही निराशा की
आशा विश्वास जिंदगी का जानम।।
तू ही है प्रीत, तू ही मनमीत, तू ही संगीत है जानम तुझे क्या नाम दूं जानम।।
तू ही स्वर हैं ,तू ही सरगम ,तू ही सुर संगीत है जानम तुझे क्या नाम दूँ जानम।।
तू है खुशियां, है तू ख़ुशियों की खुशबु तू ही मुस्कान है जानम।।
सुबह सूरज की तू लाली तू ही, प्यार यार का मौसम प्यारी,
तू ही लम्हा , है तू ही सुबह और शाम जानम।।
तुझे क्या नाम दूँ जानम, तू दिल के पास है इतनी ,तू दिल की दासता दस्तक,
तू दिन रात है जानम।।
तू दिल का आज है जानम ,कभी ना होना कल जानम, तू ही है जिंदगी का सच दर्पण जानम।।
तू ही हसरत की हस्ती है, तू ही मकसद की मस्ती है ,तू ही मंज़िल कारवाँ है जानम।।
तू ही माझी तू ही कश्ती तू ही मजधार तू ही पतवार तू ही साहिल जानम।।
तू ही है अक्स ,तू ही है इश्क तू ही है हुस्न तू ही दुनिया का है दामन जानम।।
तू है शमा रौशन अंधेरों की उजाला तू है चमन की बहार बहारों का श्रृंगार है जानम।।
तू ही है झील ,तू ही झरना, तू है दरिया समन्दर जानम ।।
तू ही शबनम है तू ही शोला तू है बूँद बादल जानम।।
तेरी नजरों से दुनिया है ,तेरी नज़रों में दुनिया है ,
तेरे साथ जीना तेरे संग मरना तू ही है आदि अंत जानम।।