इजहार-ए-इश्क
इजहार-ए-इश्क


यह न पूछो कि कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे ?
हां यह सच है कि आज इजहार-ए- इश्क करते हैं तुमसे।
छेरते हैं तुमको, माना हम रुलाते भी हैं।
आकर तेरे सपनों में तुझे जगाते भी हैं।
की रूठ जाती हो जो तुम कभी हमसे,
तो प्यार से हम ही तुमको मनाते भी हैं।
यह न पूछो कि कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे ?
हां यह सच है कि आज इजहार-ए- इश्क करते हैं तुमसे।
माना तेरे इश्क में, मैं मरने का वादा भी नहीं करता।
मर जाऊं तेरे लिए, ऐसा इरादा भी नहीं करता।
मगर तमाम उम्र तेरे साथ रहूंगा यह वादा है मेरा,
अंतिम सांस तक तेरे साथ जीने की ख्वाहिश है
इसलिए मरने की बात भी नहीं करता।
अब भी यह न पूछो कि कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे ?
हां यह सच है कि आज इजहार-ए- इश्क करते हैं तुमसे।
चांद सितारे तोड़ कर लाऊंगा ,ये वादा भी नहीं कर
सकता।
कि चांद को तेरे कदमों में झुका दूं इरादा भी नहीं कर सकता।
मगर जब भी रोएंगी तेरी आंखें तो वह आंसू मेरे होंगे,
इतना प्यार है कि अपने गम भी तेरे नाम नहीं कर सकता।
अब भी यह न पूछो कि कितनी मोहब्बत करते हैं तुमसे ?
हां यह सच है कि आज इजहार-ए- इश्क करते हैं तुमसे।
मैं यह नहीं कहता कि तू चांद है मेरी
मगर तेरी धड़कनों के साथ मेरी धड़कन धड़के
..............यही ख्वाहिश है मेरी।
कि बिन तेरे यह सांसे भी रुक जाएंगी,
चाहो तो ठुकरा कर आजमा लो मुझे,
मगर मरने से पहले,
तेरे दिल पर लिख पाऊं"" साहिल"" यही फरमाइश है मेरी।
अब तो यकीन कर लो बहुत मोहब्बत करते हैं तुमसे।
हां यह सच है कि आज इजहार-ए- इश्क करते हैं तुमसे।
अब तो यकीन कर लो बहुत मोहब्बत करते हैं तुमसे।
हां यह सच है कि आज इजहार-ए- इश्क करते हैं तुमसे।