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Pssmp Astro

Romance Fantasy

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सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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मेरे दिल की गहराइयों में उतर चुकी हो तुम !

मेरे नैनो के सागर में डूब चुकी हो तुम

ढूंढता हूं तुम्हें कस्तूरी मृग की तरह,

जबकि मेरे रग-रग में बस चुकी हो तुम

मेरे धड़कते दिल की धड़कन हो तुम !


मेरे दिले मंदिर की मूरत हो तुम

मेरी तलाश शायद तुम पर ही खत्म होती ,

क्योंकि मेरी हार और जीत दोनों हो तुम

मेरे शरीर का प्राण हो तुम !

पूजता हूं जिसे सुबह शाम ओ भगवान हो तुम

बस एक बार मुस्कुरा कर अपना लो मुझे,

क्योंकि मेरे जीवन रथ का अब सारथी हो तुम

मेरे होठों पर उभरने वाली मुस्कान हो तुम !


मेरे दिल का नायाब मेहमान हो तुम

कैसे हटा दूं भला तुम्हें इन निगाहों से,

मेरे आंखों की रोशनी हो तुम

लिख रहा हूं कागज पर तो मेरी कलम हो तुम !


कभी सच तो कभी मेरा वहम हो तुम

मर कर भी अब यह साथ न छूटेगा,

क्योंकि मेरे जनाजे का कफन हो तुम

 मेरे दिल का आईना हो तुम !

मेरे आंगन की मनमोहक कली हो तुम

मैं बन भौरा मुस्कुराता रहा,

मेरा छाया मेरा प्रतिबिंब हो तुम

मेरे प्यार का अंतिम इल्जाम हो तुम !

मेरे जीवन का सुबह और शाम हो तुम

छू तो शायद सकता नहीं मगर महसूस करता हूं,

मेरा"" साहिल ""मेरा नाम हो तुम

हां सिर्फ तुम सिर्फ तुम और सिर्फ तुम।


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