सिर्फ मैं हूं
सिर्फ मैं हूं
ढूंढ रही हो जिसे तुम निगाहों में, वह मैं हूं
महसूस कर रही हो जिसे बांहों में, वह मैं हूं
ना ढूंढो हमें इधर-उधर जानेमन,
जो छुपा है, तेरी पनाहों में वह सिर्फ मैं हूं।।
उतर रहा है जो तेरे दिल में वह मैं हूं
जो डूब रहा है, तेरी आंखों में ओ मैं हूं
यकीन ना हो, तो पूछ लो अपने दिल से,
तेरे दिल की गहराइयों में बसा तो सिर्फ मैं हूं।।
पूछती हो जिस प्यार को, वह सुबह शाम मैं हूं
ढूंढती हो जिस प्यार को ओ भगवान मैं हूं
कब तक करोगी तलाश जमाने में,
तेरी मोहब्बत का हर अंजाम सिर्फ मैं हूँ ।।
पीता है जो मदिरा तेरी आंखों से वह मैं हूं
होता है, जो तेरी बातों से मदहोश वह मैं हूं
कि ढूंढती तेरी निगाहें बता रही है,
कि तेरा सपना, तेरा सच, सिर्फ मैं हूं।।
तेरे दिल के आसमां पर बैठा बादल मैं हूं
ढूंढती हो जिसे वो तेरा प्यार विश्वास मैं हूं
तेरे दिल के मंदिर में बैठा भगवान मैं हूं
तेरे होंठों पर उभरती मुस्कान में हूं
जिस की आवाजें पल पल तुम्हें जगा देती,
वह हमसफ़र यार तेरा सिर्फ मैं हूं।।
तेरी घूंघट का लाज मैं हूं
तेरी मधुर आवाज में हूं
जिसे देखती हो तुम ख्वाबों में,
वह तेरे सपनों का सरताज में हूं।।
तेरे पायल की मधुर झंकार में हूं
तेरा हमसफर दिलदार मैं हूं
जिसे बुला रही हो तुम अपने पास,
वही दिल, वही तेरा प्यार, सिर्फ मैं हूं।।
तेरा सुंदरता, तेरा श्रृंगार मैं हूं
वह खूबसूरत, हमसफर यार मैं हूं
जिसके प्यार को बसाना चाह रही है तू,
वह सिंदूर, मंगल हार, सिर्फ मैं हूं।।
तेरी चढ़ती जवानी मैं हूं
तेरी आंखों का नम पानी में हूं
लुटा रहा है जो तेरे हुस्न पर अपने दिलों का प्यार,
सच वैसा तेरा आशिक तो सिर्फ मैं हूं।।
तेरे श्रृंगार का साज मैं हूं
तेरे जीने का अंदाज मैं हूं
जिसे दोहरा रही हो, हर जन्म में पाना चाह रही हो।
वह"" मृत्युंजय"" तेरा दिले यार सिर्फ मैं हूं !!?
,हां सिर्फ मैं हूं !, सिर्फ मैं हूं!!