तेरा आशिक हूँ मैं वर्षों-पुराना इसे ना तुम समझो फिजूल अफसाना तेरा आशिक हूँ मैं वर्षों-पुराना इसे ना तुम समझो फिजूल अफसाना
पीरी में मिलने-मिलाने की भी तरकीब होती है। पीरी में मिलने-मिलाने की भी तरकीब होती है।
रूह मेरी प्यासी पाने को मचल जाए, भावनाएँ बेकल मन उनसे छिपाता है। रूह मेरी प्यासी पाने को मचल जाए, भावनाएँ बेकल मन उनसे छिपाता है।
ख्वाबों से निकलकर आशिकी करनी नहीं आती। ख्वाबों से निकलकर आशिकी करनी नहीं आती।
झूठा ही सही,इस आशिक को हमसफर तो बना लो! झूठा ही सही,इस आशिक को हमसफर तो बना लो!
कहते है जो एकबार पसंद आ जाये वो हमारे जहन में से कभी नहीं जाता फिर ये तो अपनेआप में कहते है जो एकबार पसंद आ जाये वो हमारे जहन में से कभी नहीं जाता फिर ये तो ...