STORYMIRROR

Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

4  

Sudhirkumarpannalal Pratibha

Romance

परे हो फिर भी सामने हो

परे हो फिर भी सामने हो

1 min
455

परे हो

तुम

फिर भी

सामने हो,

यादों

में हो

तुम

फिर भी

महसूस

होते हो,

तुम्हारा

होने का

अहसास

कभी भी

नहीं होता,

मेरी

सांसे

मेरी

धड़कन

मेरे

जेहन में

तुम्हारी

यादें

अमूर्त

प्रमाण

है

प्रेम का

स्नेह का

समर्पण

का,

तुम

सर्वस्व

हो

तुम्ही

सबकुछ

हो.



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance