परे हो फिर भी सामने हो
परे हो फिर भी सामने हो
परे हो
तुम
फिर भी
सामने हो,
यादों
में हो
तुम
फिर भी
महसूस
होते हो,
तुम्हारा
न
होने का
अहसास
कभी भी
नहीं होता,
मेरी
सांसे
मेरी
धड़कन
मेरे
जेहन में
तुम्हारी
यादें
अमूर्त
प्रमाण
है
प्रेम का
स्नेह का
समर्पण
का,
तुम
सर्वस्व
हो
तुम्ही
सबकुछ
हो.

