संगदिल।
संगदिल।
तुमको अपना बना कर सब कुछ पा लिया है।
तुमने बेरंगी जीवन में रंग भर दिया है।।
तुम्हारी एक निगाह ने क्या से क्या कर दिया है।
मन में बड़ी थी दुविधा हल्का कर दिया है।।
अब तलक रो रहा था तुमसे मिलने के खातिर।
तेरी मोहब्बत को पाकर तुमको दिल दे दिया है।।
अधूरे पड़े थे सपने जो संजोए थे तुमको लेकर।
आकर के तुमने जीवन में खुशियों से भर दिया है।।
खा रहा था दर-दर ठोकर हृदय तड़प रहा था।
जब साथ मिला तुम्हारा निहाल कर दिया है।।
जी रहा था तंग दिली में सांसे गिन रहा था।
"संगदिल" तुमने बन कर जीवन बदल दिया है।।
अब छोड़कर मत जाना सातों जन्म निभाना।
"नीरज" ने अब सब कुछ तुम को लुटा दिया है।।