नयनों के इशारे
नयनों के इशारे
जब मूक नयनों से इशारे हो गए,
तुमने पुकारा हम तुम्हारे हो गए,
गुलशन जब बांट रहा था खुशबू,
मधु मिलन के पल हमारे हो गएII
निगाहों में उनकी नजर आते हम,
देखते ही देखते ख्वाब हो गए हम,
निगाहों में यार की कुछ ऐसा दिखा,
आंखों से ही दिल में उतर गए हम II
निगाहों से कोई दिल में उतर आया है,
सागर से भी गहरा प्यार दिखलाया है,
करिश्मा कर गई आज उनकी निगाहें ,
देखो फिर से इश्क का मौसम आया है II
उनकी निगाहें शीतल ,शोख चंचल है,
फिजा में मस्ती और दिल में हलचल है,
डूब गया उनकी आंखों में दिल हमारा,
हमें छू गया उनका वो नर्म आंचल है I I