धूप देखी है हमने कपड़ों को सुखाने के लिए, शाम की शीतलता में भी ख्वाब भुलाते नहीं। धूप देखी है हमने कपड़ों को सुखाने के लिए, शाम की शीतलता में भी ख्वाब भुलाते ...
आज मुरझाए उपवन में फूल ढूंढता क्यों हैं। आज मुरझाए उपवन में फूल ढूंढता क्यों हैं।
बिगड़े हुए नसीब का खोटा सिक्का वो हमें कहते हैं ! बिगड़े हुए नसीब का खोटा सिक्का वो हमें कहते हैं !
आसमान सी ऊंची रखो, मंजिल तुम्हें जरूर मिलेगी ! आसमान सी ऊंची रखो, मंजिल तुम्हें जरूर मिलेगी !
हाँ खुशियों का संसार तुम से है I हाँ खुशियों का संसार तुम से है I
हमारी सबसे पक्की नींव की बुनियाद है गुरु। हमारी सबसे पक्की नींव की बुनियाद है गुरु।