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Priyanka Gautam

Romance

5.0  

Priyanka Gautam

Romance

आसक्ति कुछ यूं.…!

आसक्ति कुछ यूं.…!

1 min
235


तेरा रंग जो मुझपर चढ़ता है

अमिट, जीवन तक गहरा है

मेरा ढंग जो तुझसे मिलता है

वो भी इश्क़ उजागिर करता है

मेरा भाव तेरे प्रति है स्थिर 

जब तक सृष्टि कि क्षमता है


हक़ीक़त हो या ख्याब

बस एक जो चेहरा दिखता है

बारिश हो या हो सर्द हवा

मन तेरा स्पर्श समझता है

मेरा भाव तेरे प्रति है स्थिर 

जब तक सृष्टि कि क्षमता है


धक धक करता जो है भीतर

तेरी ही धुन में रमता है

एक तेरे होने की स्मृति भर से

खुशियों का शैलाब उमड़ता है

मेरा भाव तेरे प्रति है स्थिर 

जब तक सृष्टि कि क्षमता है


कुछ फूल जो आए हैं मुझ तक 

तू उन प्रसूनों की कोमलता है 

कभी गम में गिरते ये आंसू

मीठा खारा अनुवाद भी करता है

मेरा भाव तेरे प्रति है स्थिर 

जब तक सृष्टि कि क्षमता है। 


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