तुम बिन - जग सूना
तुम बिन - जग सूना
तुम बिन - जग सूना
जैसे पतझड़ का महीना
जैसे दीपक बिना बाती
जैसे मन में उदासी।
जैसे अमावस की रात
बिना साथी के बरसात।
तुमसे है हर खुशी
तारों भरी रात में
जैसे चंद्रमा का प्रकाश।
तुम बिन - जग सूना
जैसे पतझड़ का महीना
जैसे दीपक बिना बाती
जैसे मन में उदासी।
जैसे अमावस की रात
बिना साथी के बरसात।
तुमसे है हर खुशी
तारों भरी रात में
जैसे चंद्रमा का प्रकाश।