रंग
रंग
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हमारे रूप के क ई रंग है
जीने के क ई ढंग है ।
क्रोध का रंग लाल है
प्रेम पर दुनिया निहाल है
मन बड़ा चंचल है
मस्तिष्क सागर सा विशाल है ।
अहंकार हमें गिराता है
उदार हृदय हमें उठाता है ।
आंखें सच बोलतीं हैं
दिल का पता देती हैं ।
कर्मों का रंग हरा है
सुख - दुख का माजरा है ।
लोभ का न अंत है
तृष्णा अनंत है ।
सूरत में बनावट है
सीरत दिल का आईना है ।
