ना कोई हर्ष ना उल्लास, ना आशा की कोई कोपल फूटती, ना तुम्हारे आश्रय में कोई घरौंदा पनपता, और फलने फूल... ना कोई हर्ष ना उल्लास, ना आशा की कोई कोपल फूटती, ना तुम्हारे आश्रय में कोई घरौंद...
तुम बिन - जग सूना जैसे पतझड़ का महीना। तुम बिन - जग सूना जैसे पतझड़ का महीना।
स्त्री का जीवन बोनसाई जैसा नहीं है... बल्कि वह तो नदी कै जैसे कल-कल बहती धारा है...!!! स्त्री का जीवन बोनसाई जैसा नहीं है... बल्कि वह तो नदी कै जैसे कल-कल बहती धारा है...
जिसके पास साहस है उसके पास सबकुछ है वो हारकर भी न हारता, जिसके पास हिम्मत रस है वो पतझड़ में खिलत... जिसके पास साहस है उसके पास सबकुछ है वो हारकर भी न हारता, जिसके पास हिम्मत रस ...
हाल मेरा जो है होने दो तुम अपनी तबियत संभाल कर रखना जिंदगी मेरी रहे या न रहे तुम अपनी शख्सियत संभ... हाल मेरा जो है होने दो तुम अपनी तबियत संभाल कर रखना जिंदगी मेरी रहे या न रहे ...
वीरान पड़े इस जीवन में आखिर तू क्यूँ नहीं आ जाता पतझड़ के इस मौसम में तू क्यूँ नहीं आखिर आ जाता वीरान पड़े इस जीवन में आखिर तू क्यूँ नहीं आ जाता पतझड़ के इस मौसम में तू क्...