कविता के आरंभ में अपनी नाकामियों, असफलता में होती झुंझलाहट को हराते हुए कवि एक नए हौसले के साथ आगे ब... कविता के आरंभ में अपनी नाकामियों, असफलता में होती झुंझलाहट को हराते हुए कवि एक न...
मासूम सी अल्हड़ मस्तियों को, बचपन की गलियों में छोड़ आये हैं, हर राह पर कामयाबी पाने के लिए... मासूम सी अल्हड़ मस्तियों को, बचपन की गलियों में छोड़ आये हैं, हर राह पर कामयाबी ...
अब पुरी शायद दिल की हर मुराद हुई है.. दिल ख़ुश है उस मंज़र से ही, जबसे तुमसे मुलाक़ात हुई है..... अब पुरी शायद दिल की हर मुराद हुई है.. दिल ख़ुश है उस मंज़र से ही, जबसे तुम...
जिसे कभी न भूल पाये, वह प्रेम की मूरत हो तुम। जिसे कभी न भूल पाये, वह प्रेम की मूरत हो तुम।
क्या-क्या गिनाऊं दीदी दिल से नमन करती हूं। क्या-क्या गिनाऊं दीदी दिल से नमन करती हूं।
भगवान ही समझ लिया जिन्हें हमने, इंसान की शख़्सियत के भी काबिल न निकले भगवान ही समझ लिया जिन्हें हमने, इंसान की शख़्सियत के भी काबिल न निकले